हिंदी के प्रसिद्ध कवि, सफल संपादक , कहानीकार और कुशल नाटककार रामनरेश त्रिपाठी जी का जन्म सन् 1881 कोइरीपुर गांव जिला जौनपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था।
इनके पिता राम दत्त त्रिपाठी भगवत भक्त और रामायण प्रेमी थे। प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय पाठशाला में तथा माध्यमिक शिक्षा जौनपुर में ग्रहण की ।कोलकाता और राजस्थान में कुछ समय रहने के बाद उन्होंने प्रयाग को ही अपना स्थाई निवास स्थान बना लिया । वहां एक हिंदी मंदिर की भी स्थापना की थी । राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेने के कारण में जेल यात्रा भी करनी पड़ी थी
रामनरेश त्रिपाठी छायावाद पूर्व की खड़ी बोली हिंदी के महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं। आरंभिक शिक्षा पूरी होने के बाद स्वाध्याय हिंदी अंग्रेजी बंग्ला और उर्दू का ज्ञान प्राप्त किया ।उन्होंने उस समय के कवियों के प्रिय विषय समाज- सुधार के स्थान पर रोमांटिक प्रेम को कविता का विषय बनाया। उनकी कविताओं में देशप्रेम व्यक्तित्व प्रेम दोनों मौजूद हैं ।लेकिन देश प्रेम को ही विशेष स्थान दिया गया है। कविता काैमुदी (8 भाग में )उन्होंने हिंदी उर्दू बांग्ला और संस्कृत के लोकप्रिय कथाओं का संकलन किया है इसी के एक खंड में ग्राम गीत संकलित है। जिसे उन्होंने गांव गांव घूमकर एकत्रित किया था। लोक साहित्य के संरक्षण की दृष्टि से हिंदी में यह उनका पहला मौलिक कार्य था। हिंदी में बाल साहित्य के जनक माने जाते हैं ।उन्होंने कई वर्षों तक वानर नामक बाल पत्रिका का संपादन किया। जिस में मौलिक एवं शिक्षा पद कहानियां प्रेरक प्रसंग और प्रकाशित होते थे। कविता के अलावा उन्होंने नाटक उपन्यास आलोचना संस्मरण आदि विधाओं में रचनाएँ की।
रामनरेश त्रिपाठी की मृत्यु सन् १९६२ मे हुई।
Friday, January 11, 2019
रामनरेश त्रिपाठी जी जीवन परिचय Ramnaresh Tripathi ji life introduction
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