Tuesday, January 15, 2019

भारत में वेद

वेद का अर्थ ज्ञान होता है वेद चार प्रकार के हैं।
ऋग्वेद, सामवेद ,यजुर्वेद ,अथर्ववेद।

ऋग्वेद:  भारतीय साहित्य के प्राचीनतम पुस्तक ऋग्वेद है इसमें 1028 ऋचाओं का संग्रह है 10 भागों में बँटा हुआ अदभुत ग्रंथ है ।ऋचाओं में अधिकांश देवों की स्तुतियाँ है। यह स्तुतियाँ यज्ञ पृसगों मे की जाती है। इसमें उषा को संबोधन करती अनेक स्तुतियाँ खूब ही मनमोहक है। यह ग्रंथ सप्तसिंधु प्रदेश में बसे आर्यों के राजकीय, सामाजिक और आर्थिक विषयों का वर्णन करती हैं।

सामवेद: ऋग्वेद,की ऋचाओ का गान करने के लिए सामवेद की रचना की गई है। यह श्लोको  को राग और लय के साथ गाने का तरीका बताता है, इसलिए इसे संगीत की गंगोत्री कहते हैं।
यजुर्वेद यजुर्वेद को यज्ञों का वेद कहते हैं । यज्ञ के समय बोले जाने वाले मंत्रो, क्रियाएं और  विधि-विधानों का वर्णन इसमें किया गया है

अथर्ववेद : इसमें अनेक प्रकार के कर्मकांडो़ और संस्कारों का वर्णन किया गया है

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