Monday, January 28, 2019

इटली का एकीकरण, italiy ka aikikaran, Unification of Italy

इटली के एकीकरण का जनक जोसेफ मेजिनी को माना जाता है। उसने यंग इटली नामक संस्था की स्थापना की थी। गिबर्टी ने कार्बोनरी नामक गुप्त संस्था की स्थापना की।
इटली में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने का श्रेय नेपोलियन बोनापार्ट को है।
इटली के एकीकरण के मार्ग में ऑस्ट्रिया सबसे बड़ा बाधक था।
उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में इटली कई छोटे-छोटे राज्यों में बंटा था। जिस में सबसे  शक्तिशाली राज्य सार्डिनिया का राज्य था।
1851ई. में पीडमाैंट सार्डिनिया के साथ एक विक्टर इमैनुएल ने काउंट काबूर को अपना प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
सन्1854 ईस्वी में क्रीमिया के युद्ध में भाग लेकर काबूर ने इटली की समस्या को अंतरराष्ट्रीय समस्या बना दिया।
एकीकरण के प्रथम चरण में काबूर ने फ्रांस की सहायता से सन् 1858 ईसवी में ऑस्ट्रिया को पराजित कर लोग लोम्बार्डी का क्षेत्र प्राप्त किया।
ऑस्ट्रिया के साथ युद्ध के समय ही परमा,टस्कनी,मोडेना आदि राज्यों में जनमत संग्रह के आधार पर अपने को सार्डिनिया में मिला लिया था। यह यहां का एकीकरण का द्वितीय चरण था।
एकीकरण के तृतीय चरण का श्रेय गैरीबाल्डी को दिया जाता है। गैरीबाल्डी लाल कुर्ती नामक एक सेना का संगठन किया था।
गैरीबाल्डी को इटली के एकीकरण की तलवार भी कहा जाता है।
तृतीय चरण में गैरीबाल्डी ने सिसली को जीत लिया था। उसके बाद नेपल्स के राजमहल में विक्टर इमैनुएल को संयुक्त इटली का शासक घोषित किया गया था। पीडमाैंट सार्डनिया का नाम बदलकर इटली का राज्य बना  दिया गया था।
सन् 1870 ईस्वी में प्रशा और फ्रांस के बीच युद्ध का लाभ उठाकर रोम पर अधिकार कर लिया ओर उसे  इटली की राजधानी बना दिया गया।
यह एकीकरण का चतुर्थी एवं आखिरी(अंतिम) चरण था ।
इटली के एकीकरण में पूरा पूरा श्रेय मेजिनी काबूर और गैरीबाल्डी को दिया जाता है।

2 comments:

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  2. nice post | thanks for this post
    also read this article. इटली का एकीकरण इटली के एकीकरण में काउंट कैमिलो दे कावूर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कावूर को एक कुशल राजनीतिज्ञ माना जाता था

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