मोहनजोदड़ो की खोज राखल दास बनर्जी द्वारा 1922 में की गई सिंधी भाषा में मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ मृतकों के टीले है। यह सिंधु (पाकिस्तान )के लरकाना जिले में सिंधु नदी के पश्चिम में एवं सिंधु नदी एवं घग्गर हकडा़ नदी के मध्य में स्थित है
सिंधु नदी वर्तमान में भी इस थल में में बहती है परंतु घग्गर - हाकडा़ नदी सूख चुकी है।
यहां पर एक विशाल स्नानगर एवं विशाल अन्नागार, बड़े हॉल एवं कांसे की नृर्तकी की मूर्ति, योगी की मोहरें ,एवं 250 ग्राम वजन की गले का हार एवं अन्य कई मोहरें प्राप्त हुई है।
मोहनजोदड़ो शहर की सात परतें इंगित करती है कि शहर को 7 बार नष्ट किया गया एवं पुनर्निर्माण किया गया।
Saturday, January 12, 2019
सिंधु घाटी सभ्यता मोहनजोदड़ो
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment