Monday, January 21, 2019

रेल इंजन का आविष्कार Invention of rail engine

पहली बार ट्रेन की  परिकल्पना 1604 में इंग्लैंड के बोलाटन में हुई थी।जब लकड़ी की बनाई गई पटरियों पर काठ के डिब्बों की शक्ल में तैयार किए गए  ट्रेन को घोड़ों ने खींचा था । इसके दो शताब्दी बाद फरवरी 1824 में पेशे से इंजीनियर रिचार्ड ट्रिवेथिक को पहली बार भाप के इंजन को चलाने में सफलता मिली है ।ये पहला आधिकारिक रेलवे इंजन था ।पूरी दुनिया में परिवहन के लिए किसी सस्ते और  तेजगति के साधन की जरूरत थी कई वर्षों से महसूस की जा रही थी इसी क्रम में सबसे पहले जॉर्ज स्टीफेंसन ने 1814 में भाप का इंजन बनाया जो शक्तिशाली तो था ही साथ ही अपने भारी वस्तु को खींचने में सक्षम था । पर यह ट्रेन नहीं  खींच सकता था। ट्रेन के इंजन 27  सितंबर 1825 को भाप का इंजन की सहायता से 38 डिब्बों को खींचा गया जिस में 600 यात्री सवार थे इस पहली रेलगाड़ी को लंदन के डार्लिंगटन से स्टॉकटोन तक का 37 मील का सफर 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तय किया गया ।इस घटना के बाद अनेक देश रेल के इंजन और डिब्बे बनाने में जुट गए भारत में रेल की शुरुआत की कहानी अमेरिका के कपास की फसल की विफलता से जुड़ी हुई है जहां 1840 के दशक में कपास की फसल को काफी नुकसान हुआ था इसके कारण ब्रिट्रेन के मैनचेस्टर और ग्लासगो के कपड़ा कारोबारियो काे वैकल्पिक स्थान की तलाश करने में विवश होना पड़ा था 1843  में लॉर्ड डलहौजी ने भारत में रेल चलाने की संभावनाएं तलाश करने की शुरुआत की और 1845 में कोलकाता में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेल कंपनी की स्थापना हुई। भारत में रेल के संचालन में मद्रास के सिविल इंजीनियर एपी कॉटन का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।1850 में इस कंपनी के मुंबई से ठाणे तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया। एशिया और भारत में प्रथम रेल यात्रा 16 अप्रैल 1853 अप्रैल को दोपहर 3:30 बजे बोरीबंदर( शिवाजी टर्मिनस )से प्रारंभ हुई रेलवे के दस्तावेज के अनुसार 16 अप्रैल 1853 को मुंबई और ठाणे के बीच जब पहली रेल चली ,उस दिन सार्वजनिक अवकाश था। लोग बोरीबंदी की ओर बढ़ रहे थे , जहां  गवर्नर के निजी बैंड की संगीत की मधुर धुन माहौल को खुशनुमा बना रही थी। 3:30 बजे कुछ पहले ही 400विशिष्ट लोग ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के 14 वाली गाड़ी में चढ़े। ब्रिटेन से मंगवाए गए तीन भाप इंजन सुल्तान ,सिंधु, शाहिब ने खींचा। 20 डिब्बे में 400 यात्रियों को लेकर यह गाड़ी रवाना हुई इस रेलगाड़ी में 34 किलोमीटर का सफर सवा घंटे में तय किया। और शाम 4:45 बजे ठाणे पहुंची भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए उसके बाद धीरे-धीरे रेल के पटरी में बिछाई गई इसके पहले नैरोगेज पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रांडगेज लाइन बिछाई गई। 1 मार्च 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रांडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई इसका नाम राजधानी एक्सप्रेस रखा गया। 15 नवंबर 1985 को दिल्ली में भारत का सर्वप्रथम कंप्यूटरीकृत आरक्षण केंद्र स्थापित हुआ। बाद मे में दिल्ली अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस को परीक्षण के तौर पर बायोडीजल से चलाया गया। अंग्रेजों ने भारत में रेल सेवा की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को अपनी सुविधा के लिए की थी लेकिन 160 वर्ष बाद करीब 16लाख कर्मचारियों, प्रतिदिन चलने वाली  11000 ट्रेनों  7000 से अधिक स्टेशनों  एवं 65000 किलोमीटर रेलमार्ग के साथ से रेलवे स्टेशन किलोमीटर रेल मार्ग के साथ भारतीय रेल आज देश की जीवन रेखा बन गई है। जो 1853 से प्रारंभ हुआ  तथा एशिया में पहले स्थान पर आ चुका है भारतीय रेलवे दुनिया में अमेरिका रूस और चीन के बाद चौथा  स्थान है।

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