भारत में आर्य सभ्यता के निर्माता आर्य (जोर्डिक) थे।
प्राचीन भारत के हिंदू आर्य कहलाते थे। वे जिन प्रदेशों में रहते थे उसे 'आर्यवर्त ' नाम दिया गया था।
प्राचीन समय में अधिक जनसंख्या वायव्य भारत में थी , वहां 7 नदियां बहती थी इसलिए उसे 'सप्त सिंधु ' नाम दिया गया।
उत्तर वैदिक काल में आज भारत के पूर्व में मिथिला विहार तक और दक्षिण में विद्यांचल तक फैले थे।
अन्य समकालीन प्रज्ञाओं में आर्य सबसे विकसित प्रज्ञा थी
आर्य भरत राजा और भरत जाति के नाम से यह विशाल प्रदेश भरतभूमि, भारत उपमहाद्वीप, भारतवर्ष जैसे नाम से पहचाना जाने लगा।
आर्य प्रकृति प्रेमी थे। बे वृक्षों ,पर्वतों, सूर्य, नदियों ,वर्षा आदि की पूजा - आराधना करते थे। जिन्होंने स्तुतियो की रचना की थी।
भारत में आई विविध पृज्ञाओं के साथ आर्यों ने मिश्रित - समन्वयी संस्कृति का निर्माण किया था।
अर्यो ने वेद पठन प्रचलित किया, धार्मिक विधियों , यज्ञादियो को शुरू किया।
Sunday, January 13, 2019
आर्य संस्कृति
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