Monday, January 21, 2019

गुरु नानक का जन्म जीवन परिचय

पंजाब के तलवंडी नामक स्थान में 15 अप्रैल 1469 को एक किसान के घर गुरु नानक जी का जन्म हुआ यह स्थान लाहौर से 30 मील पश्चिम में स्थित है अब यह ननकाना साहिब कहलाता है तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया नानक के पिता का नाम कालू और माता का नाम तृप्ता था। उनके पिता खत्री जाति एवं बेदी वंश के थे। वे कृषि और साधारण व्यापार करते थे। और गांव के पटवारी भी थे गुरु नानक देव की बालवस्था गांव में व्यतीत हुई बाल अवस्था से ही उनमें असाधारण  और विचित्रता थी उनके साथी जब खेलकूद में अपना समय व्यतीत करते थे तब भी नेत्र बंद कर आत्मचिंतन में निमग्न हो जाते थे । इनकी इस प्रवृति से उनके पिता कालू चिंतित रहते थे।
गुरु नानक देव जी ने अपने अनुयायियों को जीवन की 10 शिक्षाएं दी।
ईश्वर एक है ।
सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो ।
ईश्वर सब जगह है और हर प्राणी मात्र में मौजूद है
ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता है।
ईमानदारी से और मेहनत से हर कार्य को करना चाहिए।
बुरा कार्य करने के बारे में ना सोचें और ना किसी को सताएं।
सदैव प्रसन्न रहना चाहिए ईश्वर को सदा अपने लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
मेहनत और ईमानदारी की कमाई में जरूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए सभी स्त्री-पुरुष बराबर है ।
भोजन शरीर को जिंदा रखने के लिए जरूरी है पर लोग लालच  नहीं करना चाहिए।
गुरु नानक की मृत्यु सन 1539 ईसवी में भी हुई उन्होंने गुरु को गद्दी का भार गुरु अंगददेव (बाबा सबकुछ  को सौंप दिया और स्वयं करतारपुर में ज्योति में लीन हो गए।

No comments:

Post a Comment