Saturday, December 29, 2018

पृथम भारतीय सुपर हीरो , frist Indian super heroes

शक्तिमान  भारत का सुपर हीरो_है।  यह कहानी है लगभग ६००० वर्ष पूर्व की जब कलयुग का जब कलयुग की शुरुआत हुई थी जब कलयुग की शुरुआत में ही बुराई और अंधकार का वातावरण  शुरू हो गया था
शक्तिमान का किरदार मुकेश खन्ना ने निभाया था और स्किन निर्माता-निर्देशक दिनकर जानी थे ।
  रिलीज हुआ था १५ सितंबर १९९९ को ।

Wednesday, December 12, 2018

भारत के राज्य की राजधानियां

(1)मध्यप्रदेश   🇮🇳   भोपाल

(2) राजस्थान   🇮🇳  जयपुर

(3)महाराष्ट्र      🇮🇳    मुंबई

(4) उत्तर प्रदेश 🇮🇳 लखनऊ

(5)आंध्र प्रदेश  🇮🇳 हैदराबाद

(6)जम्मू कश्मीर🇮🇳श्रीनगर ,जम्मू

(7)गुजरात     🇮🇳 गांधीनगर

(8)कर्नाटक    🇮🇳    बेंगलूरु

(9) बिहार       🇮🇳      पटना

(10)उड़ीसा   🇮🇳 भुवनेश्वर

(11) तमिलनाडु   🇮🇳 चेन्नई

(12) पश्चिम बंगाल    🇮🇳 कोलकाता

(13)अरुणाचल प्रदेश  🇮🇳  ईटानगर

(14)असम     🇮🇳    दिसपुर

(15) हिमाचल प्रदेश    🇮🇳 शिमला

(16)पंजाब    🇮🇳    चंडीगढ़

(17) हरियाणा 🇮🇳  चंडीगढ़

(18) केरल          🇮🇳 तिरुवनंतपुरम

(19) मेघालय  🇮🇳   शिलांग

(20) मणिपुर   🇮🇳     इंफाल

(21) मिजोरम  🇮🇳 आईजोल

(22) नागालैंड  🇮🇳  कोहिमा

(23)त्रिपुरा   🇮🇳  अगरतला

(24)सिक्किम        🇮🇳   गंगटोक

(25)गोवा      🇮🇳     पणजी

(26)छत्तीसगढ़     🇮🇳 रायपुर

(27) उत्तराखंड       🇮🇳  देहरादून

(28) झारखंड     🇮🇳    रांची
(29) तेलंगाना  == हैदराबाद

Saturday, December 1, 2018

History of kannouj कन्नौज का इतिहास

परिचय

कन्नौज , भारत में उत्तर प्रदेश प्रांत के कन्नौज जिले का मुख्यालय एवं प्रमुख । पालिका है ।
कन्नौज के प्राचीन नगरी है एवं कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है माना जाता है , वर्तमान में कन्नौज इत्र और तंबाकू के लिए प्रसिद्ध है यहां पर यह दोनों  व्यवसाय बहुत तेजी से होते हैं।
यहां की फसल आलू है यहां पर आलू बहुत मात्रा में किया जाता है कन्नौज प्रमुख रूप से सिद्ध पीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर एवं सिद्धपीठ मां फूलमती मंदिर के लिए जाना जाता है इसके अलावा यहां अनय को मंदिर है जो कि इस नगर की छवि को और आकर्षित पर आते हैं वर्तमान में कन्नौज नगर पालिका है। यहां से गंगा नदी 3 किलोमीटर दूर है ।
इतिहास

कन्नौज भारत की सबसे प्राचीन जगह में से एक है जिसमें समृद्ध और प्राकृतिक पुरातात्विक  संस्कृत विरासत है
इस स्थान का पुराना नाम कन्याकुज्जा  है। पुराणों के अनुसार बाद में । नाम कन्नौज किया गया

हां कांस्य युग के दौरान यहां पर कई प्रकार के हथियार और उपकरण मिलते थे पत्थरों की मूर्तियों की संख्या बहुत ज्यादा संख्या में पाई जाती थी। कन्नौज मूर्तिकला में महान पुरातन का दावा कर सकते हैं यहां पर आरयन बसे हुए थे
हर्षवर्धन (590-647 ईस्वी), जिसे हर्ष के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय सम्राट था जिसने 606 ईस्वी से 647 ईस्वी तक उत्तर भारत पर शासन किया और कन्नौज उनकी राजधानी थीं। वह पुष्यभाति राजवंश और प्रभाकरवर्धन के पुत्र थे।
ऐसा प्रतीत होता है कि कन्नौज पर कब्जा करने के तुरंत बाद शेरशाह ने पुराने शहर को नष्ट कर दिया था और वहां एक जली हुई ईंट का किला बनाया था ”और जीत हासिल करने के मौके पर उसने एक शहर शेर सूर का निर्माण किया।” 1555 में अफगानों को फेंक दिया गया और सत्ता हासिल हुई। मुगलों की स्थापना एक बार फिर हुमायूँ द्वारा की गई, जो 12 साल बाद भारत लौट आया लेकिन जनवरी 1556 में जल्द ही उसकी मृत्यु हो गई और वह अपने बेटे अकबर द्वारा सफल हो गया। कन्नौज एक सरकर का मुख्यालय था जिसमें 30 महल थे। अकबर के समय के कंपिल, सौरिख, सकरावा, सकतपुर और कन्नौज ने भी कन्नौज को छोड़कर अपने पुराने नामों को बरकरार रखा है। 1592 में कन्नौज मुजफ्फर हुसैन मिर्जा को दिया गया था, लेकिन वह एक शराबी साबित हुआ और जल्द ही उसे वंचित कर दिया गया।

1610 में, जहाँगीर (1605-27) ने महान बैरम के पुत्र अब्दुर्रहीम को कन्नौज की सरकार प्रदान की।