संस्कृति अर्थात् 'जीवन जीने का तरीका' देश और समाज के कालक्रम में बदलते संजोगो के अनुसार जन जीवन में आने वाले परिवर्तनों, सुधारों ,सामाजिक रीति-रिवाजों इन्हीं सब के माध्यम से भिन्न संजोगो लोगों में संस्कृति बनती है ।
संस्कृति अर्थात् मानव मन की उपज और उसमें मानव समाज की आदतों, मूल्यों, आचार- विचार, धार्मिक परंपराओं, आवास और जीवन के उच्च उद्देश्यों की ओर ले जाने वाले आदर्शों का योग है।
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