चार्ल्स फ्रिट्स को पहली बार सोलर एनर्जी से बिजली बनाने के लिए जाना जाता है 1883 में पहली बार फिट्स ने ही सोलर सेल इजाद किया था । इसके बाद फ्रेंच इंजीनियर चार्ल्स टेलियर ने अपने घर में सोलर पावर्ड हॉट वॉटर सिस्टम लगाकर सौर ऊर्जा की उपयोगिता को साबित कर दिखाया। 47 दिन में मरुस्थलीय स्थलों से इतनी सोलर एनर्जी मिल सकती थी जो ऊर्जा के प्रमाणित जीवाश्म भंडार के बराबर होगी । दुनिया की महान वैज्ञानिकों ने सदियों पहले सोलर एनर्जी की उपयोगिता को पहचान लिया था ।पर यह बात अलग है कि हम आज भी उन तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं ।जबकि सौर ऊर्जा बिजली की जरूरतों को पूरा करने का सस्ता और सुलभ साधन बन सकती है। पहला कमर्शियल सीएसपी प्लांट स्पेन में 2007 में शुरू हुआ था। सोलर पावर प्लांट की संख्या लगातार बढ़ रही है जलवायु परिवर्तन के इस दौर में सूर्य की गर्मी दुनिया को रोशन करने का एक बड़ा जरिया बन सकती है।
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