Sunday, January 27, 2019

चीन की सभ्यता, China's civilization,China ki sabhyata

चीन वंश के नाम पर ही पूरे देश का नाम चीन पड़ा था।
ह्यंग-हो नदी की घाटी में प्रचलित प्राचीन चीन की सभ्यता का विकास हुआ है। यह स्थान चीन के उत्तर के क्षेत्र में स्थित है।
यह क्षेत्र विश्व के साथ अधिक उपजाऊ क्षेत्रों में से एक है।
इसे चीन का बड़ा मैदान कहा जाता है ।
ह्यंग-हो नदी को पीली नदी भी कहते हैं इसलिए चीन की प्राथमिक सभ्यता को पीली नदी घाटी सभ्यता भी कहा जाता है।
इस दौरान चीन में वैज्ञानिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण उन्नत हुई।
कागज एवं छपाई का आविष्कार चीन की देन है ।
चीन में रेशम के हल्के वस्त्रों का निर्माण एवं प्रयोग सर्वप्रथम चीन में युवा हुआ। रेशम के कीड़ों का पालन भी सिखाया गया।
ह्यंग टी (लगभग 247  ईसा वर्ष पूर्व ने समस्त चीन को एक राजनीतिक सूत्र में आबद्ध किया।
राजा को  वांग कहा जाता था।
वहां पर चीन में छठी शताब्दी ईसा पूर्व दार्शनिक चिंतन का उद्भव हुआ।
दार्शनिक कन्फ्यूशियस( 551 ईशा पूर्व से 479ईसा पूर्व) को कुंग जू या ऋषि कुंग के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
पुच्छल तारा पहलीबार चीन में 240 ईसवी में देखा गया था।
दिशा सूचक यंत्र का आविष्कार चीन में हुआ था।
चीन के लोगों ने सर्वप्रथम यह पता लगाया कि वर्ष में 365 1/4 दिन होते हैं ।
पेय पदार्थ के रूप में चाय का सर्वप्रथम प्रयोग क्षेत्र में हुआ था।

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