प्राचीन काल में धूप के कारण पढ़ने वाले किसी पेड़ अथवा अन्य स्थिर वस्तु की छाया के द्वारा समय का अनुमान किया जाता था। एक ही धूप घड़ी का प्रयोग बहुत ही प्राचीन काल से प्रयोग होता आ रहा है जिसमें आकाश से सूरज के भ्रमण कारण किसी पत्थर या लोहे के स्थित टुकड़े की परछाई की गति में होने वाले परिवर्तन के द्वारा समय का ज्ञान किया जाता था ।पहली घड़ी सन् 996 मे पोप सिलवेसटेर द्वितीय ने बनाई थी। यूरोप में घड़ियों का प्रयोग 13 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में होने लगा था। इंग्लैंड के वेस्टमिस्टर के घंटाघर में 1288 में तथा अलबान्स मे सन् 1326 में घड़ियां लगाई गई थी।
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