हमारे देश में 1960 के दशक में हरियाली क्रांति आई थी ।पहले भारत अनाज का आयात करता था क्योंकि भारत में इतना अनाज नहीं हो पाता था लेकिन हरियाली क्रांति आने के बाद हमने कृषि क्षेत्र में स्वावलंबन हासिल किया। हरियाली क्रांति का उद्देश्य कृषि उत्पादन में वृद्धि करना था ।किसान अधिक मात्रा रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया और कृषि उपज में वृॉध्दि करने का लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिली हरियाली क्रांति के कारण गेहूँ और धान की फसल में भारी मात्रा में उत्पादन बढ़ाया गया है। देश में पहले जहां खाद्य अन्य की कमी थी वहां अनाज का पर्याप्त भंडार है।एक समय भारत में अकाल प्रकोप बन गया था, हरियाली क्रांति के बाद यह कभी नहीं पाया गया। अनाज के भंड़ार के कारण अकाल या कमी की परिस्थिति आसानी से सामना कर सकते हैं ।
अन्न क्षेत्र में देश का स्वाबलंबन हरियाली क्रांति का सीमाचिन्ह् न रूप ऐतिहासिक सिद्धि है ।वर्तमान में नगदी फसलों की बुवाई के कारण दलहन और अनाज का उत्पादन घटा है । अनाज का उत्पादन क्षेत्र में तकनीकी का उपयोग करके प्रगति पाई है।
सुधरे हुए बीज, रासायनिक खाद का उपयोग बड़ा, देश के किसान प्रचंड पुरुषार्थ, बिजली के वितरक की व्यापक व्यवस्था, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार अादि कारणो से कृषि क्षेत्र में उत्पादन में हुई आसाधारण वृद्धि को हरियाली क्रांति के रूप में जाना जाता है।
Sunday, January 20, 2019
हरियाली क्रांति Green revolution
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