कबीर जी का जन्म सन १३९८ वाराणसी के पास लहरतारा में हुआ था जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में है कबीर की जन्म तिथि के संबंध में अनेक प्रकार की किंवदंतियाँ प्रचलित है। ऐसा भी माना जाता है कि कबीर का जन्म एक विधवा ब्रह्माणी के गर्भ से हुआ था जिसने लोक लाज के भय से उन्हें काशी के लहरतारा नामक तालाब के किनारे फेंक दिया था तभी उधर से गुजरने वाले जुलाहा जाति के निसंतान दंपति नीरू - नीमा ने उन्हें वहां से उठा कर अपने घर लाकर पालन पोषण किया। कबीर आगे चलकर रामानंद के शिष्य हो गए। उन्होंने लिखा भी है "काशी में हम प्रकट भए रामानंद चेताये" कबीर का विवाह लोही नामक एक साध्वी से हुआ था। जिससे उनके कमाल नामक पुत्र और कमाली नमक पुत्री का जन्म हुआ।
संत कबीर का व्यक्तित्व हिंदी साहित्य के संत कवियों में आदित्य है कबीर की टक्कर का फक्कड़ मस्त मौला प्रतिभाशाली एवं महा महिमामंडित व्यक्तित्व आगे चलकर गोस्वामी तुलसीदास जी को छोड़कर और कोई नहीं दिखाई देता है उनके व्यक्तित्व को किसी के बने बनाए चौखटे जकड़ कर मूल्य अंकित नहीं किया जा सकता।
संत कबीर की मृत्यु सन् 1518 में बस्ती के निकट मगहर में हुई।
Thursday, January 10, 2019
कबीर जी का जीवन परिचय| Introduction of life of Kabir Ji
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