कवि के प्राथमिक शिक्षा घर पर ही हुई फिर वाराणसी के जन नारायण कॉलेज में प्रवेश किया सुमित्रानंदन पंत का मूल नाम गोस्वामी दत्त था। प्रकृति के सुकुमार कवि पंत जी का जन्म अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक ग्राम में 20 मई 1900 ई०को हुआ। माता सरस्वती देवी उन्हें जन्म देने के बाद म मूर्छितावस्था में ही स्वर्गवासी हो गई थी, फलत: पिता गंगा दत्त जी ने इन्हें माता पिता दोनों का स्नेह प्रदान किया। साथ ही यह सोच भी है कि प्रकृति की ही इन की धात्री रही।
कवि की प्राथमिक शिक्षा घर पर ही हुई। फिर वाराणसी के जयनारायण कॉलेज में प्रवेश किया। यहां इनका नाम गोसाँईं दत्त से सुमित्रानंदन पंत हो गया। उच्च शिक्षा हेतु उन्होंने प्रयाग के म्यूोर सेंट्रल कॉलेज में प्रवेश लिया। अभी 2 वर्ष ही वहां अध्ययन कर पाए थे कि गांधीजी के आह् वाहन पर सन 1921 में विलायती शिक्षा सदा के लिए छोड़ दी। तत्पश्चात अपने स्वास्थ्य स्वाध्याय और साहित्य साधना को ही जीवन का लक्ष्य बना लिया। कुछ समय आप काला कांकर राज्य में भी रहे। आपने मार्क्सवाद से प्रभावित होकर 'रूपाभ' पत्रिका के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए। तत्पश्चात् आकाशवाणी में भी काम किया।
पंत जी का स्वभाव सरल और ऋषि तुल्य था।
Friday, January 11, 2019
सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय Introduction of life of Sumitranandan Pant
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment