कोणार्क सूर्य मंदिर उड़ीसा के पुरी जिले में बंगाल की खाड़ी के पास है।
इस मंदिर का निर्माण 13वीं सदी में गंगवंश के राजा नरसिंह वर्मन प्रथम ने कराया था।
सात घोड़ों द्वारा खींचते इस मंदिर का आकार सूर्य के रथ का दिया गया है ।
इसके 12 चौड़े पहिए है। मंदिर के आधार को सुंदरता प्रदान करते हैं यह पहिए वर्ष के 12 महीने को सूचित करते हैं।
प्रत्येक चक्र में 8 आरे है जो दिन केआठ पहरों को बताते हैं ।
रूपांकनो की सूचना और विषय विविधता की दृष्टि से यह मंदिर अद्वितीय है।
इस मंदिर का निर्माण काले पत्थरों से होने के कारण इसे काला पैगोडा़ भी कहते हैं ।
द्विप, सांसारिक और सजावट इन तीनों प्रकार की शिल्पो में 13वीं सदी की उड़ीसा की संस्कृति और सभ्यता सभ्यता का प्रतिबिंब दृष्टिगोचर होता है।
Thursday, January 17, 2019
कोणार्क का सूर्य मंदिर| Sun temple of Konark
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment