Monday, January 28, 2019

फिर से जागना आंदोलन

  पुनर्जागरण आंदोलन पंद्रहवीं शताब्दी में हुआ था। फिर से जागने का मतलब भी पुनर्जागरण है।
मध्यकाल में यूनानी एवं लैटिन साहित्य को भुलाकर यूरोप की जनता अंधविश्वासों में पड़ गई थी, उसमें निराशा की भावना एवं उत्साहीनता ने जन्म लिया, पुनर्जागरण में मध्ययुगीन आडंबरो,अंधविश्वास एवं अन्य प्रथाओं को समाप्त किया तथा उसके स्थान पर व्यक्तिवाद, भौतिकवाद, स्वतंत्रता की भावना, उन्नत आर्थिक व्यवस्था एवं राष्ट्रवाद  आदि को स्थापित करना ।
पुनर्जागरण का प्रारंभ इटली के फ्लोरेंस नगर से माना जाता है। बिजेंटाइन सम्राज्य की राजधानी कुस्तुनतुनिया का पतन, पुनर्जागरण का एक प्रमुख कारण था।
इटली के निवास पेट्रॉक को मानववाद का संस्थापक माना जाता है ।
इटली के महान कवि दांते को पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है ।
उन्होंने इटली की बोलचाल की भाषा टस्कन में डिवाइड कॉमेडी की रचना की।
द लास्ट सपर एवं मोनालिसा नामक चित्रों के रचयिता लियोनार्डो दा विंसी चित्रकार के अलावा मूर्तिकार, इंजीनियर, वैज्ञानिक, दार्शनिक एवं कवि और गायक थे।
द प्रिंस के रचयिता मैकियावेली को आधुनिक विश्व का प्रथम राजनीतिक चिंतक माना जाता है।
जिआटो को चित्रकला का जनक माना जाता है। कोपरनिकस ने बताया पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और जर्मनी के केपलर ने इसकी पुष्टि की।
इंग्लैंड के रोजर बेकन को आधुनिक प्रयोग का जन्मदाता माना जाता है।
न्यूटन गुरुत्वाकर्षण के नियम का पता लगाया। गैलिलियो ने दोलन संबंधी सिद्धांत दिया ।जिससे वर्तमान में प्रचलित ड़ियों का निर्माण हुआ।

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