अमीर खुसरो मध्यकाल का सबसे प्रसिद्ध साहित्यकार माना जाता है।
उसकी महत्वपूर्ण कृतियाँ आसिका, नूर, सिपिहर और किरातुल सदायन है। इसके उपरांत उसने अनेक काव्य ग्रंथों की रचना की थी। अमीर खुसरो अपने ग्रंथों में भारत को पृथ्वी का स्वर्ग मानता था और अपने आपको भारतीय होने का गर्व मानता था। उसने अपने ग्रंथों में भारत की सुंदरता, उसकी ईमारतें और उसके ज्ञान-विज्ञान का बखान किया था। वह दृढ़ता से मानता था कि हिंदू धर्म का सारतत्व अनेक तरह से इस्लाम के साथ मिलता है। वह दिल्ली के आसपास बोली जानेवाली भाषा को हिंदीवी कहता था और उसे अपनी मातृभाषा कहता था। इस भाषा में उसने कविताएँ रची थी । उसने हिंदी और फारसी को मिलाकर द्विभाषी चौपाइयाँ और दोहे भी रचे थे। उसके द्वारा शुरू की गई स्वस्थ परंपरा उसके बाद सदियों तक चली थी।
Wednesday, January 16, 2019
अमीर खुशरो
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