एलिफेंटा की गुफाएं महाराष्ट्र के मुंबई से 12 किलोमीटर दूर अरब सागर में एलिफेंटा की गुफाएं आई हुई है।
एलीफेंटा की गुफाओं की संख्या सात है।
यहां सर्वप्रथम पुर्तगाली आए थे । यहां के पत्थरों के आकार हाथी जैसे होने के कारण इसका नाम एलिफेंटा रखा गया था।
यहां गुफाओं में अनेक शिल्प कृतियां बनाई गई हैं जिससे त्रिमूर्ति की शिल्प दुनिया में सर्वोच्च मूर्ति गिनी जाती है । यह गुफा नंबर एक में है।
इसी सदी 1987 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित की गई है । स्थानीय मछुआरे से धारापुरी कहते हैं।
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