Wednesday, January 9, 2019

प्रेमचंद जी की रचनाएं Compositions of Premchand ji

प्रेमचंद जी की रचना दृष्टि विभिन्न साहित्य रूपों में पृवृत हुई ।प्रेमचंद्र के उपन्यास कहानी नाटक समीक्षा संस्मरण  आदि अनेक विद्याओं में लिखा।उनकी ख्याति कथाकार के तौर पर हुई और अपनी जीवन काल में ही वे "उपन्यास सम्राट" की उपाधि से सम्मानित हुए। प्रेमचंद ने 15 उपन्यास 300 से अधिक कहानियां 3 नाटक 10 अनुवाद 7 बाल पुस्तकें और अनेक लेख लिखे।
उपन्यास

१ -असरारे म आबिद उरफ देवस्थान रहस्य(१९०३ से १९०५ तक)
२- सेवासदन(१९१८)
३- प्रेमाश्रम(१९२२)
४-रंगभूमि (१९२५)
५-निर्मला(१९२५)
६-कायाकल्प(१९२७)
७-गवन(१९२८)
८-कर्मभूमि(१९३२)
९-गोदान(१९३६)
१०- मंगलसूत्र(अपूर्ण)

कहानिया
प्रेमचंद की सभी कहानियां लगभग 300 से अधिक प्रेमचंद का पहला संग्रह सोजे वतन 1 जून 1960 में प्रकाशित हुआ उनके जीवनकाल में 9 कहानी संग्रह प्रकाशित हुए
सप्त सरोज
प्रेम पूर्णिमा
प्रेमपृतिमा
समरयात्रा
नवनिधि
प्रेमपचीसी
प्रेमचंद्र जी की सभी कहानियां मानसरोवर के आठ खंडों में संग्रहित हैं प्रेमचंद जी की प्रमुख कहानियों में यह नाम लिए जा सकते हैं।, "पंच परमेश्वर"  "गुल्ली डंडा" "दो बैलों की कथा" "ईदगाह" "बड़े भाई साहब" "पूस की रात" "कफन" "ठाकुर का कुआं" "सद गति" "बूढ़ी काकी" "तावान" "विध्वंस" "दूध का दाम" "मंत्र" आदि

  नाटक
प्रेमचंद ने संग्राम 1923 कर्बला 1924 और प्रेम की वेदी 1933 नाटकों की रचना की ।इन रचनाओं के अलावा प्रेमचंद जी ने  माधुरी हंस जागरण जैसी पत्रिकाओं का संपादन किया जिसने उनके लेख निबंध आलोचनाएं प्रकाशित हुई

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