ेसुमेरियनो ने एक बड़े ही संगठित राज्य की स्थापना की।
प्रत्येक नगर राज्य का एक राजा था । राजा को पुरोहित या पतेसी कहा जाता था।
धर्म एवं मंदिरों के लिए विशिष्ट स्थल थे।
देव मंदिरों को जिगुरत कहा जाता था।
राजा ही मंदिरों का बड़ा पुरोहित होता था।
सुमिरयनो की महत्वपूर्ण देन लेखन कला है। उन्होंने एक लिपि का आविष्कार किया, जिसे कीलाकार लिपि कहा जाता है इस पर भी तेज नोक वाली बस्तु से मिट्टी की पट्टियों पर लिखते थे ।
उन्होंने ही समय मापने के लिए सर्वप्रथम 60 अंक की कल्पना की तथा सर्वप्रथम चंद्र पंचांग का प्रयोग किया।
वृत्त के केंद्र में 360 अंश का कोण बनता है इस मां की कल्पना भी पहली बार सुमेर के लोगों ने ही की थी।
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