अनेक मुगल शासक साहित्यकार थे प्रथम मुगल शासक बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजुके बाबरी तुर्की भाषा में लिखी थी जिसका फारसी भाषा में बाबरनामा नाम से अनुवाद किया गया।
हुमायूं की बहन गुलबदन बेगम ने 'हुमायूंनामा' तथा जहांगीर ने 'जूजूके जहांगीर' अपनी आत्मकथा लिखी थी
औरंगजेब सिद्धहस्त लेखक था अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर उर्दू का प्रसिद्ध कवि था।
तुलसीदास सूरदास हिंदी के महान साहित्यकार थे । कवि केशव ने प्रेम और विरह के विषय पर साहित्य रचा था । रहीम के दोहे देश भर में आज भी प्रसिद्ध है।
फारसी भाषा में अबुल फजल ने आयने-अकबर और बाबरनामा लिखे थे। आयने-अकबरी में भारतीय रीति रिवाजों, शिष्टाचारो,धर्म-दर्शन, आर्थिक स्थिती और जीवन के लगभग सभी पक्षों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
अबुल फजल का भाई फैजी फारसी भाषा का एक महान कवि था उसने अनेक संस्कृत ग्रंथों का फारसी में अनुवाद किया था।
अकबर ने तो महाभारत, रामायण, अथर्ववेद, भागवद् गीता और पंचतंत्र जैसे अनेक ग्रंथों के अनुवाद के लिए अनेक भाषाओं के अलग विभाग बनाए थे।
मध्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण घटना उर्दू भाषा का जन्म था। इस भाषा में वली, मीरदर्द मीरतकी मीर, नजीर , अकबराबादी, असदुल्लाखान, गालिब जैसे महान कवि थे।
18 वीं सदी की उर्दू साहित्य का विकास हुआ था । अनेक संस्कृत ग्रंथो का उर्दू में अनुवाद किया गया था। भारत में प्रथम उपन्यास उर्दू भाषा में मोहम्मद हुसैन आज़ाद ने 'दरबारे अकबराबादी' की रचना की थी।
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