Tuesday, January 15, 2019

नालंदा विद्यापीठ

बिहार के पटना जिले में बड़गांव में प्राचीन नालंदा विद्यापीठ आया हुआ था।
भारतीय संस्कृति में बौद्ध और जैन परंपरा में नालंदा का महत्व अधिक है।
इस विद्यापीठ में महावीर स्वामी ने 14 चातुर्मास किया जाने से इस स्थल ने जैन तीर्थ स्थल के रुप में स्थान प्राप्त किया।
पाँचवीं सदी में कुमार गुप्त ने यहां एक बिहार बनाया था। उसके बाद नालंदा की प्रसिद्ध में वृद्धि हुई थी।
तब हस्तलिखित ग्रंथ का अमूल्य भंडार था। नालंदा विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति का एक तीर्थधाम है।
देश विदेश के विद्यार्थी यहां अध्यन करने आते थे । महान यात्री यूएन श्वांग भी यहां आया था।
नालंदा से पढ़कर बाहर निकले विद्यार्थी भारत का आदर्श विद्यार्थी माना जाता है ।ई० स० पांचवी से ग्यारहवीं सदी के दरमियान नालंदा शिक्षण का सर्वोच्च स्थान था ।
उस समय भारत में विश्वभर में श्रेष्ठतम माने जाने वाले ग्रंथालय थे। युएन-श्वाग ही657 हस्तलिखित ग्रंथ अपने साथ चीन ले गया।

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