कथकली केरल राज्य का प्रसिद्ध नृत्य है। कथकली पौराणिक महाकाव्यों, महाभारत के प्रसंगों और संस्कृत मलयालम मिश्रित नाटकों को कथकली कहते है।
कथकली की वेशभूषा घेरदार, सुंदर कपड़ों वाली होती है और उसके पात्रों को पहचानने के लिए उनके चेहरे पर विशिष्ट मुखाकृति को समझना पड़ता है
इस नृत्य में नट कलात्मक मुकुट धारण करके प्रस्तुति के समय एक ही तेल के दीए के, उससे ही प्रकाशित रंगमंच पर पर्दे के पीछे आकर अपनी संगीतमय पहचान देकर तीनों लोगों के पात्रों के चेहरे के हाव-भाव और हस्त मुद्रा से सजीव करते हैं
केरिलयन कवि श्री बल्लथोल , कलामंडलम् , कृष्णप्रसाद आदि ने इस शैली को देश- विदेशों में पहचान दी है।
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