यूनान की सभ्यता का यूरोपीय सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है।
क्रीट की सभ्यता प्राचीन यूनानी सभ्यता की जननी कहीं जाती है।
क्रीट राजधानी नासौस थी।
यूनान को हेल्स भी कहा जाता था। इसलिए उसकी पुरानी सभ्यता हेलेनिक सभ्यता भी कहलाती है।
1200 ईसवी पूर्व आर्यों की डोरियन शाखा ने यूनान में प्रवेश कर वहां अपना प्रभुत्व जमा लिया।
पर्वतीय प्रदेश होने के कारण यूनान छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त हो गया। विभिन्न नगर और राज्यों में स्पार्टा एवं एथेंस अधिक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली थे।
स्पार्टा सैनिक तंत्रात्मक राज्य था।
एथेंस में गणतंत्रात्मक पद्धति का विकास हुआथा।
एथेंस में 600 ईसवी पूर्व में ही गणितांत्रिक शासन पद्धति में सफल हुए थे।
पेरिक्लीज(469 ईसवी पूर्व 429 ईसवी पूर्व)का युग युनान के इतिहास में स्वर्ण युग था।
490 ईशक फारस के राजा ने यूनान पर आक्रमण कर दिया इसलिए दोनों पक्षों में युद्ध शुरू हो गया जो 448 ईसा पुर्व तक चलता रहा।
जिस युग में महान कवि होमर ने अपने दो महाकाव्य ईलियड तथा ओडिसी की रचना की उसे होमर युग नाम से जाना जाता है ।
सिकंदर कालीन युग को हेलिनिस्टिक युग कहा जाता है।
सिकंदर मेसीडोनिया के राजा फिलिप का पुत्र था।
अरस्तु ने सिकंदर को शिक्षा प्रदान की थी।
भारत पर आक्रमण के क्रम में 326 ईसवी पूर्व में झेलम नदी के तट पर सिकंदर ने राजा पोरस को हराया आया था।
सुकरात, प्लेटो और अरस्तू प्राचीन यूनान के प्रमुख विचारक और दार्शनिक थे।
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