भारत में जगत की विविधता पूर्ण और समृद्ध विरासत की भेंट दी है। सांस्कृतिक विरासत अर्थात् मानवसर्जित विरासत। मानव ने अपने ज्ञान ,बुद्धि ,चातुर्य ,योग्यता और कला -कौशल्य द्वारा जो कुछ भी विकसित किया और जिसका सर्जन किया उसे साँस्कृतिक विरासत कहते हैं। आर्यों से शुरू करके कुषाण,हुण, ईरानियों, तुर्क, अरबों मुगल, पारसियों ,अंग्रेजों फ्रेंच आदि विविध जाति, प्रजातियाँ भारत में आयी। इन सभी के बीच आदान-प्रदान से भारतीय संस्कृति समृद्ध बनी है
No comments:
Post a Comment